तमकुहीराज से गोरखपुर तक चलने वाली लियाकत खां की बस में 28वर्षीय साहिल खां सहायक का काम करता था। वह प्रतिदिन शाम को खाना खा पीकर बस का दरवाजा और खिड़की बंद करके सो जाता था बृहस्पतिवार रात में करीब तीन बजे के बाद बस में अचानक आग लग गई। आग के तेजी से फैलने और शीशों के चटकने पर आसपास के लोगों को जानकारी हुई तो लोगों ने पंपिंग सेट चलाकर आग बुझाई। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।
कुशीनगर जिले के तमकुहराज क्षेत्र के अन्तर्गत गाजीपुर ( लियाकत टोला)के रहने वाले लियाकत खान की बस तमकुहीराज से गोरखपुर सहित अन्य स्थानों पर चलती है। बृहस्पतिवार रात करीब साढ़े आठ बजे बस गोरखपुर से लौटकर तमकुहीराज लियाक़त खान के दरवाजे पर पहुंची उसके बाद यहां चालक व खलासी एक होटल में भोजन किए। रोज की तरह चालक यहीं रुक गया और फिरोज बस लेकर खलासी के साथ घर आ गए।
बस मालिक लियाक़त खान के दरवाजे पर खड़ी
खलासी साहिल भी बस का फाटक और खिड़की अन्दर से लाक कर सो गया।
बस में सुबह तीन बजे अचानक रहस्यमय स्थिति में आग लग गई। शीशे के चटकने की आवाज सुनकर और आग की तेज लपट से बस मालिक के स्वजन व ग्रामीण बाहर निकले तो बस आग का गोला बन चुका था, जिसके बाद आस पास के लोगों और फायर ब्रिगेड के मदद से आग पर काबू पाया गया , और उसमें सो रहे 28 वर्षीय खलासी साहिल की दर्दनाक मौत हो गई।