भारत के पडोसी देश श्रीलंका में आर्थिक संकट इतना बढ़ गया है श्रीलंकाई लोगों की मुश्किले कम होने का नाम नहीं ले रही है भारत श्रीलंका के इन मुश्किल को कम करने के लिए लगा है । श्रीलंका के लिए भारत अब तक सबसे बड़ा मददगार साबित हुआ है। श्रीलंका की स्थिति ऐसी है कि कई लोगों के मुंह से निवाला तक छीन गया है । ऐसे में भारत ने पड़ोसी धर्म निभाते हुए परेशानियों के इस दौर में श्रीलंका की मदद के लिए आगे हाथ बढ़ाया है । जिससे वहां के लोगों को अपनी भूख मिटाने में आसानी रहेगी ।श्रीलंका के कई विभाग आर्थिक तंगी की वजह से बंद हो चुके हैं अखबारों का प्रकाशन नहीं हो पा रहा है। खाद्य संकट भी लगातार बढ़ते जा रहा है। पेट्रोल-डीजल स्टेशनों पर सेना की तैनाती की गई है । श्रीलंका की सड़कों पर आए दिन स्थानीय लोगों का विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
श्रीलंका पर विदेशी कर्ज अपने उच्चतम स्तर पर है।
श्रीलंका की आर्थिक बदहाली की बड़ी वजह विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट है ।श्रीलंका के विदेशी मुद्रा भंडार में 70 फीसदी की गिरावट आई है । श्रीलंका के पास 2.31 अरब डॉलर बचे हैं. विदेशी मुद्रा के रूप में सिर्फ 17.5 हजार करोड़ रुपये ही श्रीलंका के पास हैं।
श्रीलंका में महंगाई अपने चरम पर है यहाँ पर हर जरूरत का सामान दो गुना से भी महंगे रेट पर बिक रहा है
चीनी 290
चावल 500
पेट्रोल 254
डिजल 176
LPG सिलेंडर 4019
एक किलो आलू के लिए लगभग 200 रुपये देना पड रहा है, एक कप चाय का किमत भी 100 रुपये के पार है।
श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में 13-13 घंटे के पावर कट से जूझ रही है आम कोलंबो की जनता सड़कों पर उतर आई है और राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रही है।