क्या भारत में भी इंटरनेट सर्विस महंगा होने वाला है? एलन मस्क की starlink सैटेलाइट इंटरनेट का भारत में एंट्री कन्फर्म

Jio और Airtel ने भारत में अपने ग्राहकों को High-speed सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस देने के लिए अमेरिका के उद्योगपति एलन मस्क की कंपनी SpeceX के साथ समझौता किया है

स्टारलिंक ने भारत में अपनी सेवा शुरू करने के लिए आवेदन दिया है । कंपनी ने सरकार की शर्तों को भी मान लिया है ।

Starlink हज़ारों छोटे सैटेलाइट्स का एक नेटवर्क (constellation) है, जो पृथ्वी से 550-1200 किमी की ऊंचाई पर कक्षा (orbit) में घूमते हैं। ये सैटेलाइट्स एक-दूसरे से लेज़र लिंक के माध्यम से जुड़े होते हैं और डेटा को तेज़ी से ट्रांसमिट करते हैं।

नेटवर्क टावरों के जरिए 3G, 4Gया 5G इंटरनेट सर्विस काम करती है । इसलिए पहुंच सीमित होती है । स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट है ऐसे में इस सर्विस को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सकता है

Starlink क्या है ?

यह अमेरिका के एलन मस्क कि कंपनी SpeceX ने सैटेलाइट नेटवर्क बनाया है इसका नाम स्टारलिंक है यह सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस SpaceX कंपनी के तहत काम करती हैं, जिसके ओनर एलन मस्क है। वही एलन मस्क जिन्होंने हाल ही में सोशल नेटवर्किंग साइट Twitter को खरीदा था। स्टारलिंक एक ग्लोबल ब्रॉडबैंड नेटवर्क है, जो लोअर-अर्थ आर्बिट बेस्ड सैटेलाइट सिस्टम पर काम करता है। यह हाई स्पीड इंटरनेट सर्विस पर काम करती है।

Starlink कैसे काम करता है?

सैटेलाइट नेटवर्क Starlink हजारों छोटे सैटेलाइट्स का एक नेटवर्क इस्तेमाल करता है । जो पृथ्वी की निचली कक्षा Low Earth Orbit (LEO) में मौजूद हैं। ये सैटेलाइट्स डेटा को पृथ्वी पर भेजते और प्राप्त करते हैं।

हाई-स्पीड कनेक्शन

यह सिस्टम तेज इंटरनेट स्पीड (50 Mbps से 500 Mbps तक) और कम लेटेंसी (20-40 मिलीसेकंड) प्रदान करता है । जो गेमिंग, स्ट्रीमिंग और वीडियो कॉलिंग के लिए भी उपयुक्त है।

Starlink का फायदा

दूरदराज में कनेक्टिविटी

जहां फाइबर या मोबाइल नेटवर्क नहीं पहुंचता, वहां भी इंटरनेट उपलब्ध होगा

डिश को आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा भी सकता है। इसका लक्ष्य पूरी दुनिया में इंटरनेट को पहुंचाना है ।

इससे 100 से 250 Mbps तक की इंटरनेट स्पीड मिल सकती है। Starlink इंटरनेट का उपयोग भूकंप या युद्ध प्रभावित क्षेत्रों में भी हो सकता है।

Starlink का नुक़सान

पारंपरिक इंटरनेट से ज्यादा महंगा हो सकता है। और खराब मौसम (जैसे तेज हवा, भारी बारिश) में सिग्नल कमजोर हो सकता है। इसके अलावा ज्यादा युजर्स होने पर स्पीड कम भी हो सकता है ।

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