गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के खिलाफ लगभग 65 केस दर्ज हैं । जिसमें हत्या, हत्या के प्रयास, , धोखाधड़ी, , आर्म्स एक्ट, गैंगस्टर एक्ट, गुंडा एक्ट , अपहरण सीएलए एक्ट से लेकर एनएसए तक शामिल है । इनमें से उसे 8 मामलों में सजा हुआ था 21 केस विचाराधीन हैं ।
करीब ढाई साल से बांदा जेल में बंद पुर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी (63)की गुरुवार देर रात तबियत ख़राब हुआ तो बेहोशी की हालत में रात 8:25 बजे जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था जाया गया जहां हार्ट अटैक (कार्डिया अरेस्ट) से मौत हो गई। मुख्तार को मौत से करीब तीन घंटे पहले ही इलाज के लिए मंडलीय कारागार से मेडिकल कॉलेज लाया गया था। जहां नौ डॉक्टरों की टीम उसके इलाज में जुटी थी। रात करीब साढ़े दस प्रशासन ने मुख्तार की मौत की सूचना सार्वजनिक की। तब तक मुख्तार के परिवार का कोई सदस्य मेडिकल कॉलेज नहीं पहुंचा था।
मऊ से पांच बार विधायक रहे अंसारी 16 साल से ज्यादा समय से जेल में थे साल 2022 में उन्हें पहली बार दो मामलों में दोषी ठहराया गया था । इस साल 12 मार्च को वाराणसी की एक विशेष MP/MLA अदालत ने उन्हें एक 34 साल पुराने केस में उम्रकैद की सजा सुनाई थी ।
साल 2005 में उत्तर प्रदेश की दो बड़ी वारदात का इल्जाम लगा था मुख्तार अंसारी पर
, मऊ में 14 अक्टूबर 2005 में भरत मिलाप कार्यक्रम के दौरान दंगा भड़क गया था। इसमें मुख्तार अंसारी का एक विडियो सामने आया था, जिसमें वो जिप्सी में अपने हथियारबंद गुर्गों के साथ दंगा प्रभावित इलाके में घूमते दिखाई दिया था। मऊ दंगे के वक्त ही मुख्तार की एके-47 के साथ खुली जीप में तस्वीर वायरल हुई थी ।हालांकि उसका कहना था कि वो लोगों को समझा रहे थे । उसके बाद उसके बाद भी निर्दल विधायक चुने गए थे ।आरोप लगा था कि तत्कालीन विधायक मुख्तार अंसारी के इशारे पर सामूहिक दुष्कर्म का फर्जी मुकदमा मऊ कोतवाली में दर्ज कराया गए था। इस मामले में वर्ष 2010 में तीन माह तक जिला कारागार में मुख़्तार अंसारी को रखा गया था।
पांच बार रहा विधायक, खुद की बनाई थी पार्टी
मुख्तार अंसारी पहली बार मऊ के सदर विधानसभा से 1996 में बसपा के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचा था। इसके बाद 2002 और 2007 में निर्दल विधायक बना। फिर, कौमी एकता दल के नाम से अपनी नई पाटी बनाई और 2012 का विधानसभा चुनाव जीता। वर्ष2017 में मुख्तार अंसारी बसपा से चुनाव जीता। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में वह वाराणसी से बीजेपी के डॉ. मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ उम्मीदवार रहा। लेकिन, वह 17हजार से अधिक वोटों से हार गया था।